भगवान कृष्ण से जुड़े कई प्रसंग आम लोगों में बहुत चर्चित हैं। एक ऐसा ही चर्चित प्रसंग हैं भगवान कृष्ण और राक्षस कालयवन के बीच हुआ युद्ध, जब भगवान कृष्ण का नाम रणछोड़ पड़ गया। बुंदेलखंड के ललितपुर में भगवान कृष्ण और राक्षस कालयवन की लड़ाई से जुड़ा स्थल मौजूद है जिसे रणछोड़ धाम के नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर वेतवा नदी के तट पर स्थित रणछोड़ धाम जनपद के प्रचीन मन्दिरों में से एक है।
बारहवीं शताब्दी का है मंदिर
यह मन्दिर बारहवी शताब्दी के लगभग का माना जाता है जिसमें भगवान कृष्ण की अद्वितीय प्रतिमा के दर्शन होते हैं। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से घिरे वातावरण में स्थित है। इस मंदिर के पास एक प्रसिद्ध मचकुंद की गुफा भी मौजूद है जहां पर ऋषि मुचकुंद ने अपना आश्रम बनाया था और उन्हीं के क्रोध के कारण राक्षस कालयवन का संहार हुआ था। वर्तमान समय में यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन है।
भगवान कृष्ण से जुड़ी है कहानी
पौराणिक कथा के अनुसार मान्यता है कि इस मन्दिर में विराजमान भगवान कृष्ण को रणछोड़ कहते हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि यवन देश का राक्षस कालिया यवन ने जब मथुरा में आकर भगवान कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा तो वह राक्षस की ललकार सुनकर अपने महल से बाहर आ गए और उन्होंने कालयवन से कहा कि यहां पर मेरी और तुम्हारी दोनों सेनाएं हैं। अगर हमने युद्ध किया तो हमारी सेनाओं का संहार हो जाएगा। इसीलिए युद्ध सिर्फ हम दोनों के बीच होना चाहिए। इस पर राक्षस कालयवन तैयार हो गया। कृष्ण ने कहा कि मैं यहां से भागता हूं और जिस जगह तुम मेरा पीतांबर पकड़ लोगे वहीं हम दोनों युद्ध करेंगे।
Jay Shri Krishna
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