अपने भक्त मानकचंद तरफदार को दिया वचन निभाने जगदीश स्वामी अपने भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा संग हर साल आषाढ़ सुदी दूज के दिन भक्तों को दर्शन देने जगन्नाथ पुरी से मानोरा आते हैं। ऐसी मान्यता है कि जब वे पुरी से मानोरा की ओर प्रस्थान करते हैं तो पुरी में रथ पल भर को स्थिर हो जाता है और वहां के पंडा घोषणा करते हैं कि भगवान अपने भक्त के गांव मानोरा पधार गए हैं। इसी आस्था के वशीभूत होकर लाखों दर्शनार्थी रथ में आरूढ़ भगवान जगदीश स्वामी के दर्शन करने उमड़ पड़ते हैं। आस्था ऐसी की दूर-दूर से अपनी मन्नतो
शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022
करीला में मां सीता का विशाल मंदिर है, यहां सीता माता की जय जयकार होती है,
सीता के कथानक में जुड़े ऐतिहासिक प्रमाण तो नहीं हैं, परन्तुं जनश्रुतियां यही कहती हैं कि वाल्मीकि के आश्रम में सीता रही थीं ! जानकी मंदिर के पुजारी भगवान दास महंत बताते हैं कि रंग पंचमी के दिन हजारों भक्तजन यहां पहुंचते हैं और बेडनियों का राई नृत्य चलता है !
इस मंदिर में आने के बाद जिन लोगों की मन्नतें पूरी होती हैं वे पंचमी के मेले में राई नाच भी करते हैं !
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हर साल वचन निभाने पुरी से मानोरा आते हैं भगवान जगदीश स्वामी
विदिशा . अपने भक्त मानकचंद तरफदार को दिया वचन निभाने जगदीश स्वामी अपने भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा संग हर साल आषाढ़ सुदी दूज के दिन भक्...

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Jai mai ki
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